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Aesthetic Of Taal तालों का सौन्दर्यशास्त्र

By Dr.Rahul Swarnkar   |   डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर
Learners enrolled: 755





यह पाठ्यक्रम शास्त्रीय संगीत के विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर निर्मित किया गया है जो की गायन वादन और नृत्य के क्षेत्र में ताल को समझने में सहायक होगा, जिसका सीधा लाभ बंदिशों के प्रस्तुतीकरण को प्रभावी बनाने और परंपरागत संगीत (विभिन्न घरानों की उपलब्ध बंदिशों जिनका साहित्यिक वर्णन अप्राप्त है और आज भी शोध का विषय बना हुआ है ) का आकलन कर प्रस्तुत किया जायेगा जो  कि घरानेदार और वर्तमान शिक्षा पद्धति के बीच सेतु का कार्य करेगा । इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है की ताल शब्द जो की संगीत का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है , इससे उत्पन्न सौन्दर्य का संगीत की विभिन्न विधाओं और बंदिशों पर क्या प्रभाव पड़ता है इस बात पर निर्भर है ।  हम हमारे पाठ्यक्रम में ताल जो की संगीत को नियंत्रित रखता है, बंदिश में रखता है तथा बंधन के साथ ताल किस तरह मनोरंजन के साथ अन्य क्षेत्रों में भी काफी प्रभावी है इन सभी बातों को उजागर करने में सहायक होगा।  इस पाठ्यक्रम के माध्यम से  क्षेत्र से जुड़े विद्वानों के विचारों को विद्यार्थियों के समक्ष रखा जायेगा जो की पारंपरिक और  आधुनिक संगीत को तुलना में भी सहायक सिद्ध होगा ।   

Summary
Course Status : Completed
Course Type : Core
Duration : 12 weeks
Category :
  • Arts
Credit Points : 3
Level : Undergraduate
Start Date : 06 Aug 2019
End Date : 30 Oct 2019
Exam Date :

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Course layout

WEEK 1 विषय प्रवर्तन 
तालः-उत्पत्ति एवं विकास
ताल के तत्वः मात्रा, सम, ताली, खाली,मात्रा,विभाग

WEEK 2 जाति भेद
उत्तर भारतीय ताल पद्धति
तिहाई रचना सिद्धांत भाग 01

WEEK 3 तिहाई रचना सिद्धांत भाग 02
शास्त्रीय गायन में  ताल सौन्दर्य
उपशास्त्रीय गायन में  ताल सौन्दर्य

WEEK 4 कथक नृत्य में  ताल भाग -1
कथक नृत्य में  ताल भाग -2
तंत्र वाद्य में ताल सौन्दर्य  

WEEK 5 विस्तारशील रचनाऐं
अविस्तारशील रचनाऐं
लय एवं लयकारी 

WEEK 6 वाद्य वर्गीकरणः- अवनद्य, त्तंत्र, घन एवं सुशिर
अवनद्य वाद्य:- उत्पत्ति एवं विकास
ताल के दश प्राण     

WEEK 7 संगीत और सौन्दर्य की व्याख्या
तालों का सौन्दर्य गायन वादन नृत्य के सन्दर्भ में 
बंदिश:- सौन्दर्यात्मक अर्थ एवं व्याख्या  

WEEK 8 लग्गी लड़ी:-भाग 1 अर्थ एवं उत्पत्ति
लग्गी लड़ी:-भाग 2 वादन सामग्री एवं विभिन्न दृष्टिकोण
लग्गी लड़ी:-भाग 3 प्रायोगिक विवरण एवं उदाहरण तबले के प्रमुख घराने 

WEEK 9 पश्चिम बाज :- वादन शैली
पूरब  बाज :- वादन शैली
समान मात्रा की तालों का तुलनात्मक अध्ययन 

WEEK 10 कर्नाटक ताल पद्धति
मार्गीताल पद्धति
देशी ताल पद्धति

WEEK 11 सांगीतिक वार्ता 1 (तंत्र वाद्य)
सांगीतिक वार्ता 2 (ध्रुपद गायन )
सांगीतिक वार्ता 3 (अवनद्य वाद्य)

Books and references

01- मिश्र विजयशंकर,तबला पुराण,कनिष्क पब्लिकेशन नई दिल्ली
02- माईणकर सुधीर,तबला वादन कला और शास्त्र,गंधर्व महाविद्यालय मंडल मिरज  
03- मुलगाँवकर अरविन्द,तबला, लुमिनस बुक्स पब्लिकेशन, वाराणसी 
04- राम डॉ सुदर्शन,तबले के घराने वादन शैलियाँ एवं बंदिशें कनिष्क पब्लिकेशन नई दिल्ली
05- चिश्ती डॉ एस.आर.तबला संचयन कनिष्क पब्लिकेशन नई दिल्ली
06- मिश्र पंडित छोटेलाल,ताल प्रबंध कनिष्क पब्लिकेशन नई दिल्ली
07- सिंह डॉ प्रेमनारायण ,बनारस घराने के तबला वादन में मुखड़ा कनिष्क पब्लिकेशन नई दिल्ली
08- गुप्ता निशी,ताल शास्त्र का सैद्धांतिक पक्ष, कनिष्क पब्लिकेशन नई दिल्ली
09- मराठे डॉ भालचंद्र राव, ताल वाद्य शास्त्र,शर्मा पुस्तक सदन ग्वालियर 
10- पटेल जमुना प्रसाद, तबला-वादन की विस्तारशील रचनाएँ कनिष्क पब्लिकेशन नई दिल्ली    

Instructor bio



डॉ. राहुल स्वर्णकार उत्तर हिन्दुस्तानी संगीत (तबला) वाद्य के क्षेत्र में 25 वर्षों से लगातार सेवारत हैं स्नातकोत्तर तबला विषय में सर्वोच्च अंकों के साथ स्वर्ण पदक प्राप्त किया आकाशवाणी सेबी हाई” श्रेणी के नियमित कलाकार नेट, Phd, राष्ट्रिय छात्रवृत्ति प्राप्त कई शोध पत्रिकाओं में निरंतर लेखन एवं पुस्तकों में अध्याय वर्ष २०१८ में सांगीतिक यात्रा पर बेलफोर्ट फ़्रांस में अंतर्राष्ट्रीय संगीत समारोह में विश्वविद्यालय की ओर से प्रस्तुती केन्द्रीय विद्यालय चेन्नई क्षेत्र में संगीत शिक्षक, तदुपरांत डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संगीत  विभाग में सहायक प्राध्यापक(तबला) के पद पर २०१३ से निरंतर कार्यरत कई संस्थानों के परीक्षक के रूप में सदस्य        

Course certificate

Yes when completion of online course 


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