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समकालीन अस्मितामूलक  विमर्श

By डॉ. मनीष कुमार   |   डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर , म.प्र.
Learners enrolled: 244
यह पाठ्यक्रम स्न्नातक स्तर के कोर स्टूडेंट्स के लिए है | इस course के माध्यम से स्टूडेंट्स आदिवासी समाज, साहित्य संस्कृति और जीवन शैली से रूबरू हो पायेगे |आदिवासी साहित्य किस तरह रचाब और बचाव का साहित्य है | दलित और स्त्री विमर्श के माध्यम से स्टूडेंट्स दोनों विमर्श की अवधारणाओं से परिचित होते हुए साहित्य और समाज में दोनों विमर्शो की क्या अमहियत है आदि बातो से मुखातिब होगें | यह course साहित्य की दुनिया के तीनो विमर्शो को समझने में साहयक सिद्ध होगा |
Summary
Course Status : Completed
Course Type : Core
Duration : 12 weeks
Category :
  • Language
Credit Points : 3
Level : Undergraduate
Start Date : 20 Jan 2020
End Date : 12 Apr 2020
Enrollment Ends : 08 Mar 2020
Exam Date : 09 May 2020 IST

Note: This exam date is subjected to change based on seat availability. You can check final exam date on your hall ticket.


Page Visits



Course layout

Week 1   : भारत में हाशिए का समाज भाग-1 
भारत में हाशिए का समाज भाग-2 
आदिवासी साहित्य : अवधारणा और इतिहास 

Week 2 : समकालीन अस्मितामूलक आदिवासी साहित्य : सामान्य परिचय 
आदिवासी काव्य लेखन 
आदिवासी कथा लेखन भाग -1 

Week 3 : आदिवासी कथा लेखन भाग -2
दलित साहित्य : अवधारणा और इतिहास 
समकालीन अस्मितामूलक दलित साहित्य (परिचर्चा) 

Week 4 : दलित कविता लेखन 
दलित कथा लेखन 
दलित आत्मकथा लेखन

Week 5 : नारीवादी साहित्य : अवधारणा और इतिहास 
समकालीन अस्मितामूलक नारीवादी साहित्य : सामान्य परिचय 
समकालीन अस्मितामूलक नारीवादी साहित्य (परिचर्चा)

Week 6 : नारीवादी कविता लेखन 
नारीवादी कथा लेखन 
नारीवादी आत्मकथा लेखन 

Week 7 : दलित विमर्श और उसकी कवितायेँ
(कविता पाठ : परिचर्चा और विश्लेषण, अछूत की शिकायत- हीरा डोम, सदियों का संताप- ओमप्रकाश वाल्मीकि,
  मै दूगां माकूल जबाब- असंगघोष )
स्त्री विमर्श और उसकी कवितायेँ (कविता पाठ : परिचर्चा और विश्लेषण, स्त्रियाँ – अनामिका,
मासूम भोली लड़की-सुशीला टाकभोरे, गांधारी- रीता दास राम )
आदिवासी विमर्श और उसकी कवितायेँ (कविता पाठ : परिचर्चा और विश्लेषण, जंगल जल रहे- रामदयाल मुंडा,
तुम्हारे एहसान लेने से पहले सोचना पड़ेगा हमें-निर्मला पुतुल, अघोषित उलगुलान- अनुज लुगुन )

Week 8 : यस सर कहानी की अंतर्वस्तु का मूल्यांकन (कहानी / उपन्यास पाठ :  परिचर्चा और विश्लेषण )
सिलिया कहानी और दलित नारी का संघर्ष (कहानी / उपन्यास पाठ :  परिचर्चा और विश्लेषण)
दलित उपन्यास “छप्पर”: एक विवेचन (कहानी / उपन्यास पाठ :  परिचर्चा और विश्लेषण)

Week 9 : नारीवादी कथा लेखन और “बोलने वाली औरत” कहानी (कहानी / उपन्यास / आत्मकथा पाठ :  परिचर्चा और विश्लेषण) 
नारीवादी उपन्यास लेखन “छिन्नमस्ता” (कहानी / उपन्यास / आत्मकथा पाठ :  परिचर्चा और विश्लेषण) 
“एक कहानी यह भी” आत्मकथा पाठ का आलोचनात्मक विश्लेषण (कहानी / उपन्यास / आत्मकथा पाठ : 
परिचर्चा और विश्लेषण) 

Week 10 : “पगहा जोरी जोरी रे घाटो” कहानी तथा आदिवासी समाज और संस्कृति (कहानी / उपन्यास पाठ :  परिचर्चा और विश्लेषण )
  पलाश के फूल और आदिवासी जीवन (कहानी / उपन्यास पाठ :  परिचर्चा और विश्लेषण )

Week 11 : “मुर्दहिया” आत्मकथा और दलित समाज का संघर्ष (दलित आत्मकथा पाठ :  परिचर्चा और विश्लेषण )
दलित महिला आत्मकथा “दोहरा अभिशाप” का विवेचन (दलित आत्मकथा पाठ :  परिचर्चा और विश्लेषण )

Books and references

भारतीय दलित आंदोलन,एक संक्षिप्त इतिहासए - मोहनदास नैमिशराय  
ताकि बचा रहे लोकतन्त्रए -  रवीन्द्र प्रभात                                                                
दलित साहित्य के प्रतिमान - डॉ॰ एन० सिंह                                                             
अपने घर की तलाश में - निर्मला पुतुल 
दलित चेतना कविता -रमणिका गुप्ता 
कलम को दर्द कहने दो -कर्मशील भारती 
पगहा जोरी जोरी रे घाटो - रोज केरकेट्टाए 
यस सर - अजय नावरियाए
सिलिया  - सुशीला टाकभोरे                                                                                 
ठाकुर का कुआ - ओमप्रकाश बाल्मिकि 
मै दूगा माकूल जबाब- असंगघोष 
सात भाईयों के बीच - कात्यायनी ,
स्त्रियाँ-अनामिका 
जंगल जल रहे -रामदयाल मुंडा, 
तुम्हारे एहसान लेने से पहले सोचना पड़ेगा हमें- निर्मला पुतुल, 
अघोषित उलगुलान - अनुज लुगुन
पलाष के फूल - पीटर पाल एक्का 
छिंन्नमस्ता -प्रभा खेतान
छप्पर - जय प्रकाश कदर्म
आज का दलित साहित्य - तेज सिंह 
दलित साहित्य का सोंदर्यशास्त्र-  शरण कुमार लिम्बाले 
दलित साहित्य का सोंदर्यशास्त्र-  ओमप्रकाश बाल्मीकि 
दलित विमर्श की भूमिका -कंवल भारती 
कलम को तीर होने दो- रमणिका गुप्ता 
आदिवासी साहित्य विमर्श - गंगा सहाय मीना 
नई सदी की पहचान, श्रेष्ट महिला कथाकार - ममता कालिया 
आदिवासी दर्शन और साहित्य - वंदना टेटे  
दलित साहित्य, बुनियादी सरोकार -  कृष्ण दत्त पालीवाल

Instructor bio

डॉ. मनीष कुमार

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर , म.प्र.
डॉ. मनीष कुमार  ( 16 मार्च 1987, सवाई माधोपुर , राजस्थान )         
शिक्षा : स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल सेवा, गंगापुर सिटी सवाई माधोपुर, राजस्थान से |  बी.ए. की पढाई कोटा यूनिवर्सिटी, कोटा राजस्थान | परास्नातक एवं पीएच.डी.  की पढाई काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी यू. पी. से |  
प्रकाशन : देश की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओ में लगभग 20 से ज्यादा शोध आलेख , आलोचना  एवं पुस्तक समीक्षा प्रकाशित |  विभिन्न पुस्तकों में 7 से अधिक अध्याय प्रकाशित | 20 से अधिक राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय संगोष्टी में आलेख वाचन |
आदिवासी कथा साहित्य और आदिवासी कविता साहित्य विषय पर दो सम्पादित पुस्तक प्रकशाधीन|
विभाग और विश्वविद्यालय स्तर की समिति मेम्बर के माध्यम से योगदान |
सम्प्रति : हिंदी विभाग, भाषा अध्ययन शाला, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर , म.प्र.|





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