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MHD-02 : आधुनिक हिन्दी काव्य

By प्रो. सत्यकाम   |   प्रोफेसर, हिंदी संकाय, मानविकी विद्यापीठ एवं सम कुलपति, इग्नू
Learners enrolled: 1701

पाठ्यक्रम परिचय

(एम.एच.डी.-02 : ‘आधुनिक हिंदी काव्य)

एम..(हिंदी) प्रथम वर्ष का यह पाठ्यक्रम ‘आधुनिक हिंदी काव्यके अध्ययन पर आधारित है । अध्ययन हेतु निर्धारित 8 क्रेडिट का यह पाठ्यक्रम भारतेन्दु युग से लेकर समकालीन कविता तक के महत्वपूर्ण तथा प्रतिनिधि कवियों पर केन्द्रित है । यह पाठ्यक्रम 80 वीडियो कार्यक्रमों तथा सहायक अध्ययन सामग्री में विभाजित किया गया है। इस पाठ्यक्रम में आप नवजागरण काव्य के अंतर्गत भारतेंदु हरिश्चंद्र और मैथिलीशरण गुप्त की कविता का अध्ययन करेंगी/करेंगे । छायावादी काव्य के अंतर्गत जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा की  कविताओं का अध्ययन निर्धारित है । छायावादोत्तर तथा प्रगतिशील काव्य के अंतर्गत आप रामधारी सिंह ‘दिनकर’, नागार्जुन, मुक्तिबोध और धूमिल से सम्बंधित अध्ययन करेंगी/करेंगे । नई कविता के प्रमुख कवियों-अज्ञेय, शमशेर बहादुर सिंह, रघुवीर सहाय और श्रीकांत वर्मा की निर्धारित कविताओं का अध्ययन भी इस पाठ्यक्रम में सम्मिलित है । इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से आप आधुनिक हिंदी कविता के विकास के चरणों तथा प्रमुख कवियों का ज्ञान प्राप्त करेंगी/करेंगे, साथ ही विभिन्न कालखण्डों की प्रमुख काव्य प्रवृत्तियों और काव्यगत विशेषताओं से भी परिचित होंगी/होंगे ।

Course Credit - 8
Summary
Course Status : Completed
Course Type : Core
Duration : 16 weeks
Category :
  • Language
Credit Points : 8
Level : Postgraduate
Start Date : 15 Jul 2020
End Date :
Enrollment Ends : 10 Jan 2021
Exam Date :

Page Visits



Course layout

Week -1
(नवजागरण काव्य -1)
इकाई 1: भारतेंदु हरिश्चन्द्र का काव्य
Week -2 
(नवजागरण काव्य -2)
इकाई-2 : मैथिलीशरण गुप्त का काव्य
Week – 3 
(नवजागरण काव्य -3)
इकाई-3  भारतेंदु हरिश्चन्द्र और मैथिलीशरण गुप्त की काव्य-भाषा और शिल्प (खड़ी बोली के विकास के सन्दर्भ में)
Week – 4
(छायावादी काव्य -1)
इकाई-4 : जयशंकर प्रसाद के काव्य में राष्ट्रीय चेतना की विशिष्टता और आधुनिक भावबोध
इकाई-5 :. जयशंकर प्रसाद की भाषा और काव्य-शिल्प
Week -  5 
(छायावादी काव्य -2)
इकाई-6 : सूर्यकांत  त्रिपाठी 'निराला' के काव्य का वैचारिक आधार
इकाई-7 : सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' के काव्य में प्रयोगशीलता की दिशाएं
इकाई-8 : राम की शक्तिपूजा : एक पाठावलोकन
Week – 6 
(छायावादी काव्य -3)     
इकाई-9 : महादेवी वर्मा की काव्य संवेदना
इकाई-10 : महादेवी वर्मा की प्रतीक योजना
Week – 7 
(छायावादी काव्य -4)
इकाई-11 : सुमित्रानंदन पंत की काव्य-यात्रा के विविध चरण
इकाई-12 : सुमित्रानंदन पंत का काव्य-शिल्प : भाषा और शैली
Week – 8 
(छायावादोत्तर काव्य)
इकाई-13 : दिनकर के काव्य की अंतर्धाराएँ
Week – 9 
(प्रगतिशील काव्य-1)
इकाई-14 : नागार्जुन के काव्य में संवेदना के रूप
इकाई-15 : नागार्जुन काव्य का रचना-विधान
Week – 10
(प्रगतिशील काव्य-2)
इकाई-16 : मुक्तिबोध का जीवन दर्शन और काव्य दृष्टि
इकाई-17 : मुक्तिबोध का काव्य शिल्प: फैंटेसी के संदर्भ में
Week – 11 
(प्रगतिशील काव्य-३)
इकाई-18 : अंधेरे मे कविता का विश्लेषण
Week – 12 
(साठोत्तरी हिंदी कविता)
इकाई-19 : धूमिल
Week – 13 
(नयी कविता -1)
इकाई-20 :अज्ञेय के काव्य में आधुनिक भाव-बोध
इकाई-21 : अज्ञेय : काव्यभाषा और काव्यशिल्प
Week – 14 
(नयी कविता -2)
इकाई-22 : शमशेर काव्य की विचार-भूमि
इकाई-23 : शमशेर का काव्य : संवेदना और शिल्प
Week – 15 
(समकालीन कविता -1)
इकाई-24 : अपने समय के आर-पार देखता कवि : रघुवीर सहाय
इकाई-25 : रघुवीर सहाय का काव्य शिल्प
Week – 16 
(समकालीन कविता -2)
इकाई-26 : श्रीकांत वर्मा और उनकी कविता

Instructor bio

                                                           

प्रो. सत्यकाम मानविकी विद्यापीठ
, इग्नू, नई दिल्ली में हिंदी के प्रोफेसर हैं और वर्तमान में इग्नू के सम कुलपति हैं। प्रो. सत्यकाम 30 वर्ष से अधिक समय से हिंदी भाषा और साहित्य का अध्यापन कर रहे हैं। प्रो. सत्यकाम दूरस्थ शिक्षा में नवोन्मेषी और अनुभव संपन्न होने के साथ ही हिंदी के ख्यातिलब्ध आलोचक और संपादक हैं । इन्होंने हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति और शिक्षण अधिगम से संबंधित विषयों पर 100 से अधिक आलेख/शोध-पत्र तथा अनेक पुस्तकों का लेखन किया है ।

Course certificate

M.A.Hindi


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